Successful Business Idea: हमारी किस्मत हमारी मुट्ठी में नहीं बल्कि मेहनत में होती है। चीज को सच कर दिखाया गाँव क एक देहाती लड़के ने जिसने केवल 5 लाख की लागत आज 6951 करोड़ का बिजनेस खड़ा कर दिया
हम बात कर रहे हैं तो बस टिकटिंग प्लेटफार्म रेड बस के सह संस्थापक में फणींद्र सामा की। आइये जाने कि कैसे इन्होंने अपनी सफलता के रास्ते में बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने सपनों को साकार किया है।
फणींद्र सामा” स्टार्टअप की दुनिया एक जाना माना नाम
फणींद्र सामा भारतीय स्टार्ट अप के Ecosystem का एक जाना माना नाम है। यह सफल उद्योगों में से एक है। यह बस टिकटिंग प्लेट फार्म रेड बस को सह-संस्थापक हैं। एक आम नौकरी पेशा व्यक्ति के तरह ही इन्होंने अपने करियर की शुरुआत की थी, और पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने नौकरी की लेकिन इनका सपना खुद का बिजनेस करने का था।
Successful Business Idea
फणींद्र सामा को रेडबस बिजनेस आइडिया अपने पर्सनल एक्सपीरियंस के कारण आया। त्योहार के सीजन में घर से जाने के लिए उन्हें बस टिकट बुक करने में काफी संघर्ष करना पड़ा था। इस दौरान ही उन्हें एहसास हुआ कि वे अगर इस प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल किया जाए तो लाखों लोगों की समस्या का समाधान हो सकता है।
इसका मुख्य उद्देश्य बस टिकट बुकिंग के पूरी तरह से ऑनलाइन और सुविधाजनक बनाना था। बस यही सोचकर उन्हें रेड बस की शुरुआत करने का ख्याल आया था। इस आइडिया के उन्होंने अपने दोस्तों से Discuss भी किया और इन तीन दोस्तों में मिलकर इस बिग बिजनेस आइडिया को Execute भी किया।
पहली फंडिंग से बिजनेस को बनाया रॉकेट
इस बिजनेस की शुरुआत केवल ₹5 लाख से की गई थी, परंतु सामा के सपने बहुत ऊंचे थे। 2006 में फणींद्र ने चरण और सुधाकर के साथ मिलकर रेडबस की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य भारत में बस टिकट बुकिंग की प्रक्रिया को आसान बनाना था, ताकि लोगों को बिना परेशानी के आसानी से टिकट मिल सके।
इस Startup के पहली Funding ने एक उड़ान दी और छोटी शुरुआत से याह कंपनी एक विशाल Business Empire में बदल गई आज रेडबस की टोटल वर्थ लगभग 6950 करोड़ रुपए है। तो
इबिबो ग्रुप ने रेड बस को खरीदा
कुछ ही सालों में रेडबस काफी तेजी विकसित हो गया और यह भारत के सबसे बड़ा बस टिकटिंग प्लेटफॉर्म बन गया। इस सफलता के बाद 2014 में इबिबो ग्रुप ने रेडबस को 828 करोड़ रुपए में से खरीद लिया। यह डील उस समय भारतीय स्टार्टअप इंडस्ट्री का सबसे बड़ा विदेशी Deal रही।